Friday, June 5, 2015

वसीयत का निष्पादन यदि स्वीकार कर लिया गया है तो क्या उसके गवाहों द्वारा साबित करना आवश्यक है अथवा नहीं

वसीयत का निष्पादन यदि स्वीकार कर लिया गया है तो क्या उसके गवाहों द्वारा साबित करना आवश्यक है अथवा नहीं इस प्रशन का उत्तर माननीय उच्च न्यायालय ने याचिका संख्या ५६४ वर्ष २०१४ श्रीमती कमला देवी वनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य में दिया है माननीय न्यायालय ने धरा ६८ साक्ष्य अधिनियम की ब्याख्या करते हुए कहा है की यदि अन्य कोई दस्तावेजजो पंजीकृत  है तथा जिसका निष्पादन स्वीकार कर लिया गया है उसे उसके अनुप्रमाणिक साक्षी द्वारा  सावित किया जाना आवश्यक नहीं है किन्तु यदि वह दस्तावेज वसीयत है तो उसे सावित किया जान आवश्यक है और मात्र उसका निष्पादन स्वीकार कर लेने से उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है और उसके आधार पर किसी को कोई अधिकार नहीं प्राप्त होगा ऐसा ही विचार माननीय सर्वोच्च न्यायलय ने भापुर सिंह बनाम शमशेर सिंह A I R  2009 एस. सी 1766 के वाढ में दिया है और कहा कि  वसीयत के सम्बन्ध में धारा ६८  साक्ष्य अधिनियम के प्रावधान  के अनुसार कम से कम एक गवाह द्वारा साबित करने के नियम से छुट  नहीं दिया जा सकता है , जिसे माननीय उच्च न्यायलय ने उपरोक्त वाढ में  लागु माना  है

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